जब मुक़ाबिल हों इश्क़ और दौलत,
हुस्न दौलत का साथ देता है….
Jab Muqabil Hon Ishq Aur Daulat,
Husn Daulat Ka Saath Deta Hai….
जब मुक़ाबिल हों इश्क़ और दौलत,
हुस्न दौलत का साथ देता है….
Jab Muqabil Hon Ishq Aur Daulat,
Husn Daulat Ka Saath Deta Hai….
हम ज़िन्दा बन्दे को रोटी तो नहीं देते,
पर मरे हुए के नाम पर देगें ज़रूर दे देते हैं….
Hum Zinda Bande Ko Roti To Nahin Dete,
Par Mare Huye Ke Naam Par Degein Zaroor De Dete Hain….
ये कौन लोग हैं जो बम बनाते हैं ?
इनसे अच्छे तो कीड़े हैं जो रेशम बनाते हैं….
अपनी ज़िंदगी के सलीके को कुछ यूं मोड़ दो,
जो तुम्हें नज़रअंदाज करें उन्हें नजर आना छोड़ दो….
Apni Zindagi Ke Salike Ko Kuchh Yun Mod Do,
Jo Tumhein Nazarandaaz Karen Unhein Nazar Aana Chhod Do….
ऑंखों को ज़रूरत है तेरे दीदार की,
अर्ज़ सुन मौला अपने बरख़ुरदार की….
Aankhon Ko Zarurat Hai Tere Didar Ki,
Arz Sun Maula Apne Barkhurdaar Ki….
वो जो कहता था, मुझे कुछ नहीं होता,
हाय.. अब वो रोता है, और चुप नहीं होता….
Wo Jo Kehta Tha, Muhe Kuchh Nahin Hota,
Haye.. Ab Wo Rota Ha, Aur Chup Nahin Hota….
बड़े शहर में आकर जिंदगी चकमा दे गई,
दोस्त ज्यादा बन गए, दोस्ती फीकी पड़ गई….
Bade Shahar Mein Aakar Zindagi Chakma De Gayi,
Dost Jyada Ban Gaye, Dosti Fiki Pad Gayi….
ऐ दरख़्तों, शाम ढल गई, उम्मीद छोड़ दो,
अब वो परिंदा नहीं आएगा….
Ain Darakhton, Shaam Dhal Gayi, Ummid Chhod Do,
Ab Wo Parinda Nahin Aayega….
आजकल रिश्तों को क़ायम रखने के लिए दिल में प्यार,
दिमाग़ में बर्दाश्त,
और जेब में बहुत सारे पैसे होना बहुत ज़रूरी है….
Aajkal Rishton Ko Kayam Rakhne Ke Liye Dil Mein Pyar,
Dimag Mein Bardasht,
Aur Jeb Mein Bahut Sare Paise Hona Bahut Zaruri Hai….
ग़म दे कर, ये दिलासे कैसे,
ये तसल्ली कैसी, ये तमाशे कैसे….
Gam De Kar, Ye Dilase Kaise,
Ye Tasalli Kaisi, Ye Tamashe Kase….