Surat Shayari

 ilahi kaisi kaisi suratein tu ne banayi hain
ki har surat kaleje se laga lene ke qabil hai
Unknown
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है
अज्ञात