वक़्त हर ज़ुल्म तुम्हारा तुम्हें लौटा देगा,
वक़्त के पास रहम-ओ-करम नहीं होता!
Waqt Har Zulm Tumhara Tumhe Lauta Dega,political shayari
Waqt Ke Paas Rehm-O-Karam Nahin Hota!
वक़्त हर ज़ुल्म तुम्हारा तुम्हें लौटा देगा,
वक़्त के पास रहम-ओ-करम नहीं होता!
Waqt Har Zulm Tumhara Tumhe Lauta Dega,political shayari
Waqt Ke Paas Rehm-O-Karam Nahin Hota!