dushmani jam kar karo lekin ye gunjaish rahe
jab kabhi hum dost ho jayen to sharminda na hon
Bashir Badr
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दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
बशीर बद्र