ज़हर के काबिल भी न थे वे लोग,
अफ़सोस उन्हें हम ज़िगर का खून पिलाते रहे….
Zeher Ke Kabil bhi Na The Wo Log,
Afsos Unhein Hum Jigar Ka Khoon Pilate Rahe….
ज़हर के काबिल भी न थे वे लोग,
अफ़सोस उन्हें हम ज़िगर का खून पिलाते रहे….
Zeher Ke Kabil bhi Na The Wo Log,
Afsos Unhein Hum Jigar Ka Khoon Pilate Rahe….